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    • 26 Oct 2023
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    Kartik Month 2023: कार्तिक माह कब से होगा शुरू?

    अश्विन माह के बाद कार्तिक का महीना शुरू हो जाता है। ये माह भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक के महीने में स्नान दान और उपवास करने से सभी कष्टों से मुक्ति बहुत आसानी से मिल जाती है। इस महीने में भगवान शिव और विष्णु तथा कार्तिकेय और तुलसी की पूजा का विधान है।

    अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए इस महीने में मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। आइए जानें साल 2023 में कार्तिक माह कब से शुरू हो रहा है, इसका महत्व और क्या करें, क्या करें।

     

    1. कार्तिक माह कब से शुरू है?

    2. कार्तिक माह में स्नान का महत्व?

    3. कार्तिक माह का महत्व?

    4. कार्तिक में तुलसी पूजा का महत्व?

    5. कार्तिक माह में क्या करें?

    6. कार्तिक माह में क्या करें?

    7. कार्तिक मास में जरूर करें ये शुभ कार्य।

    8. कार्तिक मास में क्‍या खाएं और क्‍या नहीं?

     

    कार्तिक माह कब से शुरू है?

     

    इस साल कार्तिक माह 29 अक्टूबर (2023) से शुरू हो रहा है। इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर 2023 को होगा। कार्तिक माह में तप और व्रत का बहुत महत्व माना जाता है, इस महीने में भगवान की भक्ती और पूजा अर्चना करने से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।

     

    कार्तिक माह में स्नान का महत्व?

     

    कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुरों राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था. कार्तिक महीने में भगवान विष्णु मत्स्यावतार लेकर जल में रहते हैं. ऐसे में कार्तिक के पूरे महीने सूर्योदय से पहले  नदी या तालाब में स्नान करने और दान करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। कहाँ जाता है की खुद देवतागण भी कार्तिक के महीने में धरती पर स्नान करने आते है।

     


    कार्तिक माह का महत्व?

    कार्तिक मास बहुत महत्वपूर्ण महीना होता है क्युकी कार्तिक मास की ही देवोत्‍थान एकादशी पर भगवान विष्‍णु चार महीने की निद्रा के बाद जागते है। इस महीने में भगवान विष्‍णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्‍व माना गया है। इसी महीने में तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी होता है। कार्तिक मास में गंगा स्‍नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्‍ठान किया जाता है। इनको करने से आपके कष्‍ट दूर होने के साथ पुण्‍य की प्राप्ति होती है और ग्रह दशा भी सुधरती है। कार्तिक मास में ही धनतेरस, दीवाली, छठ और कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्‍वपूर्ण व्रत त्‍योहार पड़ते हैं।

     

    कार्तिक में तुलसी पूजा का महत्व?

    कार्तिक मास भगवान विष्‍णु की पूजा के लिए सबसे खास माना गया है। इसलिए इस महीने में विष्‍णुप्रिया तुलसी की पूजा करना भी बहुत अच्‍छा माना जाता है। इस पूरे महीने में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाने की परंपरा है। ऐसा करने से आपको धन लाभ होता है और आपके घर में मां लक्ष्‍मी का वास होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम और तुलसी का विवाह करवाया जाता है।

     

    कार्तिक माह में क्या करें?

    ~ कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी के जल से स्नान करें। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप धुल जाते हैं।

     

    ~ खाली पेट पानी के साथ तुलसी के कुछ पत्ते खाएं। मान्यता है इससे बीमारियों से राहत मिलती है।

     

    ~ कार्तिक के महीने में रोजाना तुलसी के नीचे दीपक लगाएं और परिक्रमा करें। इससे धन लक्ष्मी की प्रसन्न होती हैं।

     

    ~ कार्तिक माह में दिया गया दान जैसे अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपदान, आंवला दान करने से हर तरफ से लक्ष्मी की कृपा मिलती है।

     

    ~ इस महीने में मूली, गाजर, शकरकंद खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। इससे व्यक्ति निरोगी रहता है।

     

    कार्तिक माह में क्या करें?

    ~ कार्तिक के महीने में शरद ऋतु शुरू होती है। दो बदलते मौसम के बीच का समय होने से इन दिनों सेहत संबंधी परेशानी भी होने लगती है। ऐसे में कार्तिक महीने के दौरान बैंगन, मठ्ठा, करेला, दही, जीरा, फलियां और दालें नहीं खाना चाहिए।

     

    ~ कार्तिक के महीने में श्रीहरि जल में निवास करते हैं इसलिए भूलकर भी मछली या फिर अन्‍य प्रकार की तामसिक चीजें ग्रहण करें।

     

    कार्तिक मास में जरूर करें ये शुभ कार्य।

     

    ~ कार्तिक के महीने में गंगा नदी में डुबकी लगाना बहुत ही अच्‍छा माना गया है। अगर आप गंगा में स्‍नान नहीं कर सकते तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्‍नान कर सकते हैं।

     

    ~ कार्तिक के महीने में पूरे 30 दिन तुलसी के नीचे घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। अगर आप लगातार इतने दिन दीपक जलाने में असमर्थ हैं तो देवोत्‍थान एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक कम से कम 5 दिन दीपक जरूर जलाएं। तुलसी के पूजा करने पर मां लक्ष्‍मी के साथ-साथ कुबेरजी की कृपा भी प्राप्‍त होती है।

     

    ~ कार्तिक के महीने में भगवान विष्‍णु का स्‍मरण करते हुए शाम के वक्‍त पूजा के स्‍थान में तिल के तेल का दीपक जलाकर रखें। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार भगवान विष्‍णु ने स्‍वयं कुबेरजी से कहा है की कार्तिक मास में जो मेरी उपासना करे उसे कभी धन की कमी मत होने देना।

     

    ~ कार्तिक के महीने में पलंग पर सोने की बजाए जमीन पर सोना ज्यादा अच्छा माना जाता है।

     

    ~ कार्तिक के महीने में जरूरतमंदों को अन्न और वस्‍त्र का दान करें। इससे मां लक्ष्‍मी और कुबेर की कृपा हमेशा बनी रहेगी।

     

    कार्तिक मास में क्‍या खाएं और क्‍या नहीं?

    ~ कार्तिक में बैंगन खाना अशुभ माना गया है। साथ ही इस में अनाज जो दो भागों में बंटे हों उनका सेवन नहीं करना चाहिए जैसे उड़द, चना, मसूर, मूंग, मटर।

     

    ~ कार्तिक मास में जीरे के उपयोग भी नहीं करना चाहिए। यूं तो जीरा स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद बताया गया है, लेकिन कार्तिक के महीने में इसे खाने से नुकसान होता है।

     

    ~ कार्तिक के महीने में दही का सेवन करें इससे आपकी सेहत में लाभ होगा। कार्तिक में दही खाना संतान के लिए अशुभ माना जाता है।

     

    ~ कार्तिक के महीने में करेला भी नहीं खाना चाहिए। इस महीने में करेले में कीड़े पाए जाते हैं, इसलिए करेला खाना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक माना गया है।

     

    ~ कार्तिक के महीने में मूली खाना शास्‍त्रों में बहुत ही फायदेमंद माना गया है। इस मौसम में कफदोष संबंधित बीमारियां होने की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए इस माह में मूली खाना लाभकारी है।